भोपाल। यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन कचरे को पीथमपुर में नष्ट करने के सरकार के फैसले का बीते दिनों खूब विरोध हुआ था। भोपाल से पीथमपुर पहुंचे इस कचरे का यहां निपटान हो रहा है। इस संबंध में सरकार मंगलवार को हाई कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
सरकार से छह हफ्ते में मांगा गया था जवाब
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में छह सप्ताह में सरकार से वस्तुस्थिति के संबंध में जवाब मांगा था। यह अवधि 18 फरवरी को पूरी हो रही है। सूत्रों के अनुसार, धार कलेक्टर ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके मुताबिक क्षेत्र में स्थिति अभी सामान्य है। विभिन्न माध्यमों से पीथमपुर के प्रभावी लोगों और आमजन को वस्तुस्थिति समझाई गई है।
लोगों ने किया था उग्र प्रदर्शन
कचरे को बाहर निकालने के बाद राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी एवं शोध संस्थान (नीरी) नागपुर, केंद्रीय व मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विज्ञानियों द्वारा सैंपलिंग की जाएगी। बता दें कि जनवरी 2025 में कचरा पीथमपुर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया था। इसके बाद कचरा जलाना तो दूर कंटेनरों से बाहर ही नहीं निकाला गया था।
HC की निगरानी में हो रहा था कचरा निपटान
कचरे का निष्पादन हाई कोर्ट की निगरानी में हो रहा था, इसलिए सरकार ने कोर्ट के सामने वस्तुस्थिति रखी थी। इस पर कोर्ट ने छह सप्ताह का समय मांगा था। इस बीच पुलिस प्रशासन ने स्थानीय लाेगों और क्षेत्र के प्रभावी जनों के साथ बैठक कर वैज्ञानिक तरीके से बताया है कि कचरा जलाने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।
रिपोर्ट में दिया गया था ये तर्क
तर्क के साथ प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट भी बताई गई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2015 में प्रयोग के तौर पर 10 टन कचरा जलाया गया था, जिसमें प्रदूषण का स्तर मानक से नीचे ही रहा।