भोपाल। नगरीय निकायों के वार्ड, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पदों का आरक्षण होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा करने की तैयारी कर ली है। आज शाम तक चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक जून तक चुनाव कार्यक्रम घोषित करने का समय दिया है
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि हमारी सभी तैयारियां हो चुकी हैं। मतदाता सूची, मतदान केंद्र, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की जांच से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। महापौर का चुनाव अब सीधे जनता करेगी। वहीं, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के माध्यम से कराया जाएगा। इसके लिए सरकार मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 अधिसूचित कर चुकी है।
नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया है कि नगरीय निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग को 25 से 28 प्रतिशत आरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को आरक्षण प्रक्रिया के बाद आए आंकड़ों के अनुसार महापौर के 16 पदों में से चार (25 प्रतिशत) पद ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। पहले भी यही स्थिति थी। नगर निगमों में ओबीसी के लिए पार्षदों के 234 (26.47 प्रतिशत) पद आरक्षित हुए हैं। पहले 221 वार्ड ही ओबीसी के लिए आरक्षित थे।
उन्होंने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष के 99 में से 28 पद (28.28 प्रतिशत) ओबीसी के लिए आरक्षित हुए हैं। पहले अध्यक्ष के 25 पद थे, जो 25 प्रतिशत होता था। वहीं नगर पालिका पार्षद के लिए 488 (26.20 प्रतिशत) वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए हैं, जो पूर्व में 479 (25 प्रतिशत) थे। नगर परिषदों में अध्यक्ष के 73 पद आरक्षित किए गए हैं। पूर्व में भी इतने ही पद थे।