छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर अपने पिता के निधन की सूचना दी है। अजीत जोगी का पूरा नाम है अजीत प्रमोद कुमार जोगी था। मध्य प्रदेश के विभाजन के होने के बाद 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ के नाम से एक अलग राज्य बना था तो वे यहां के पहले मुख्यमंत्री बने थे। अजीत जोगी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर कलेक्टर की थी। जोगी जिस दौरान इंदौर में कलेक्टरी कर रहे थे उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आ गए। 1986 के आसपास उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
कौन थे अजीत जोगी?
जोगी ने मौलाना आजाद कॉलेड ऑफ टेक्नॉलोजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 1968 में यूनिवर्सिटी के गोल मेडल विजेता रहे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी, रायपुर में लेक्चरार के तौर पर काम करने के बाद उनका चयन आईपीएस और फिर आईएस के लिए हुआ।
बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक की नौकरी की। बाद में वे मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आये।अजीत जोगी साल 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे।
इस दौरान वह कांग्रेस में अलग-अलग पद पर कार्य करते रहे, वहीं 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए। वे विधायक और सांसद भी रहे। उसके बाद वह वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के दौरान यहां के पहले मुख्यमंत्री बने तथा वर्ष 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। राज्य में वर्ष 2003 में हुए विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी से पराजित हो गई थी।
हालांकि, उसके बाद जोगी की तबीयत खराब होती रही और उनका राजनीतिक ग्राफ भी गिरता गया। लगातार वह पार्टी में बगावती तेवर अपनाते रहे और अंत में उन्होंने अपनी अलग राह चुन ली। राज्य में कांग्रेस नेताओं से मतभेद के चलते जोगी ने साल 2016 में नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था और वह उसके प्रमुख थे। अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से बगावत कर अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से गठन किया था जबकि एक दौर में वो राज्य में कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे।
विवादों में भी रहे?
जून 2007 में जोगी और उनके बेटे को एनसीपी के कोषाध्यक्ष रामअवतर जग्गी की हत्या के केस में गिरफ्तार किया गया। जग्गी को जून 2003 में मौके पर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, केस दर्ज होने के पांच साल बाद केन्द्रीय जांच एजेसी सीबीआई ने तत्कालीन अटॉर्नी सोलिसीटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की राय पर कहा कि जोगी को किसी भी कानून के तहत सजा नहीं दी जा सकती है। हालांकि, बीजेपी ने उस वक्त कांग्रेस की नेतृत्ववाली यूपीए सरकार पर सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर जोगी को बचाने का आरोप लगाया था। 6 जून 2016 को जोगी ने अपनी पत्नी और बेटे की मौजूदगी में कांग्रेस से अपना नाता तोड़ने का ऐलान किया