ग्वालियर: आरोप के बाद फरार चल रहे पांच हजार के इनामी तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान की अब चल-अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी। दुष्कर्म के आरोप में फरार तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान की चल और अचल संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। पुलिस इसके लिए कोर्ट से अनुमति प्राप्त करेगी।
तहसीलदार का परिवार भी गायब है, और यह संभावना जताई जा रही है कि वे राज्य से बाहर जा सकते हैं। आरोपी ने एफआईआर दर्ज होने के बाद से अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान ने दुष्कर्म के मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के गंभीर आरोपों में फंसा हुआ अधिकारी नौकरी कर रहा है, यह ठीक नहीं है।
ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील में तैनात तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। महिला ने बताया कि करीब 17 साल तक चौहान ने उसे लिव-इन रिलेशन में रखा।
पीड़िता और तहसीलदार के बीच संबंध
पीड़िता के अनुसार, उसके पति का 2006 में निधन हो गया था, इसके बाद वह तहसीलदार के संपर्क में आई और दोनों के बीच रिश्ते बन गए। महिला ने 2014 में एक बेटे को जन्म दिया।
तहसीलदार का तबादला और फरार होना
एफआईआर दर्ज होने के बाद तहसीलदार को बैतूल स्थानांतरित किया गया, लेकिन उसने वहां जॉइन नहीं किया और फरार हो गया।
महिला थाना प्रभारी दीप्ति तोमर ने बताया कि आरोपी की संपत्ति को कुर्क करने के लिए अनुमति ली जाएगी और इस संबंध में संपत्तियों का ब्योरा एकत्रित किया जा रहा है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
इस मामले में कलेक्टर द्वारा तहसीलदार को भितरवार तहसील से हटाकर जिला मुख्यालय के लैंड रिकॉर्ड कार्यालय में अटैच किया गया था, लेकिन उसने वहां जॉइन नहीं किया और मेडिकल लीव पर चला गया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज किया।
तहसीलदार पर अन्य गंभीर आरोप
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान की चार पत्नियां हैं और उनका कई अन्य महिलाओं से भी संबंध है। इसके अलावा, मर्डर, हत्या के प्रयास, डकैती और अन्य गंभीर आरोप भी उनके खिलाफ दर्ज हैं। पुलिस अब उनकी संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है और उनकी गिरफ्तारी के लिए तलाशी जारी है।