भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले की आरोपितों के रिश्ते प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों समेत समेत 44 लोगों से थे। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार दो दिन पूर्व मप्र हाई कोर्ट को बंद लिफाफों में सौंपी गई जांच रिपोर्ट में इन अफसरों के रिश्तों का राजफाश किया गया है। रिपोर्ट में जिनके नाम हैं उनमें प्रदेश के एक पूर्व शीर्ष अफसर, दो रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य सचिव, एक प्रमुख सचिव, एक मौजूदा अतिरिक्त प्रमुख सचिव एवं एक सचिव स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। अब तक कि जांच में किसी भी आइपीएस अधिकारी का नाम सामने नहीं आया है, जबकि एक पूर्व मंत्री के आरोपितों से करीबी रिश्ते सामने आए हैं।
हनीट्रैप के जाल में फंसे लोगों के नाम स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) की जांच में सामने आए हैं। हाइ कोर्ट से अगले दिशा निर्देश मिलने के बाद एसआइटी मामले में आगे कार्रवाई करेगी। हनीट्रैप मामले में मध्य प्रदेश पुलिस पर रसूखदारों को बचाने का आरोप लगाते हुए मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इस मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर याचिका दायर की गई थी।
इस पर इंदौर हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसआइटी से स्टेटस रिपोर्ट के साथ ही अब तक कि जांच में सामने आए नामों की सूची मांगी थी। एसआइटी ने गुरुवार को तीन बंद लिफाफे में नामों की सूची समेत स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी है। सुनवाई के दौरान एसआइटी चीफ राजेन्द्र कुमार भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित हुए थे। मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
हनीट्रैप मामले का खुलासा तब हुआ था जब इंदौर नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने शहर के पलासिया थाने में शिकायत की थी कि कुछ युवतियां उसे अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर तीन करोड़ रुपये मांग रही हैं। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर भोपाल में रह रहीं श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी समेत पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने उनके द्वारा कई हाई प्रोफाइल लोगों के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की बात कही थी।