भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के साथ कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में वी.सी. के माध्यम से प्रदेश में कोविड की समीक्षा तथा 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण की रणनीति को लेकर बैठक कर रहे हैं। बैठक में सीएम ने कोरोना नियंत्रण की तैयारियों को लेकर आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि टेस्टिंग कराने समेत सभी व्यवस्थायें दुरुस्त करें। इंदौर कलेक्टर को सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि कोविड के मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखें। उन्हें अस्पताल ले जाने की आवश्यकता न पड़े।
उन्होंने कहा कि फीवर क्लीनिक एक्टिव कर दें, जिससे टेस्टिंग लोग आसानी से करा पाएं। इंदौर को सबसे ज्यादा सतर्क रहना है, क्योंकि लोगों की आवाजाही ज्यादा है।
शिवराज ने कहा कि इंदौर को सबसे ज्यादा सतर्क रहना है, क्योंकि लोगों की आवाजाही ज्यादा है। सभी व्यवस्थाओं को रिव्यू कर लिया जाए।युद्धस्तर पर तैयारी करें। हमें पूरी सर्तकता रखनी है, हमें अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रहने देना है। क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटियों की बैठक जिलों, ब्लॉकों व पंचायतों की करें। सारे कलेक्टर इसे गंभीरता से लें।
सीएम बोले कि 15-18 वर्ष के किशोरों को वैक्सीन लगाने का काम करना है। टीम के साथ मिलकर महाभियान की तरह इसे लें। हम सबसे पहले अपने बच्चों को सुरक्षित करें।तीन तारीख से इसे बड़े स्तर पर शुरू करना हैं। 2 तारीख को मैं क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से बात करूंगा। सभी कलेक्टर्स को जो टारगेट दे रहे हैं उसे पूरा करें, मुझे सबकी रिपोर्ट दें। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठकें सभी ने कर ली हैं। नीचे तक के क्राइसिस ग्रुप से हम संपर्क में रहें ।
उन्होंने कहा कि मास्क लगाने का आग्रह करें, रोका-टोकी अभियान जारी रखें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन, अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें। कोविड केयर सेंटर का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें, हर जिले में एक कोविड केयर सेंटर होना चाहिए, बाकी ब्लॉक, पंचायत में भी जरूरत होगी तो शुरू करेंगे।सभी मंत्री ऑक्सीजन प्लांट चेक कर लें। दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करें। हम मैपिंग कर लें कि हमारे पास और प्राइवेट हॉस्पिटल के पास कितने बिस्तर हैं। एक एक चीज़ देख लें, कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग अभी हमारे हाथ में है, इसमें कोई लापरवाही हमें नहीं करनी है।
सीएम ने कहा कि बहाना नहीं चलेगा क्योंकि काम हमें ही करना है। अंतर्राज्यीय ट्रांजिट वाले स्थानों पर टेस्टिंग की व्यवस्था करें। 15 से 18 के किशोरों को वैक्सीनेशन जो लगनी है, उसकी व्यवस्था कर लें। 3 तारीख को प्रभारी मंत्रियों को इसे लांच करना है। समाज के प्रमुखों को अभियान से जोड़ें। फ्रंट लाइन वर्कर और 60 प्लस को भी वैक्सीन लगाने का काम करना है। यह चुनौती है, इसका सामना हमें करना है। यह डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं है, लेकिन फिर भी हमें तैयारियों में कोई कमी नहीं रखनी है।