भोपाल । मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख नियमित कर्मचारियों को अब केंद्र सरकार के समान 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। बजट से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की। अपने जन्मदिन के अवसर पर विदिशा गए मुख्यमंत्री चौहान ने यह एलान किया। चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण मप्र के सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की एक किश्त नहीं मिल पाई थी, एक अप्रैल से 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त के साथ अब कर्मचारियों को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। दो लाख 86 हजार शिक्षक संवर्ग को भी यह लाभ मिलेगा। राज्य के कर्मचारियों को जुलाई 2021 से इस घड़ी का इंतजार था। इसे कर्मचारियों को मुख्यमंत्री के जन्म दिवस का तोहफा बताया जा रहा है।
पेंशनर्स को महंगाई राहत अभी 17 प्रतिशत मिल रही है, जो जल्द बढ़ाई जाएगी। केंद्र सरकार के पेंशनर्स को फिलहाल 31 प्रतिशत महंगाई राहत मिल रही है। गौरतलब है कि नईदुनिया ने चार मार्च को ही अवगत कराया था कि राज्य सरकार बजट में केंद्र व राज्य सरकार के बीच के महंगाई भत्ते के अंतर को समाप्त करने वाली है। राज्य सरकार को महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने से लगभग 35 सौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त बोझ वहन करना पड़ेगा।
कोरोना काल के पहले मध्य प्रदेश अपने कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता व राहत दे रहा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया है लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को 20 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। वहीं, पेंशनरों को महंगाई राहत 17 प्रतिशत ही दी जा रही है। तीन से 12 हजार रुपये तक बढ़ेगा वेतन महंगाई भत्ता 11 प्रतिशत बढ़ने से कर्मचारियों के वेतन में तीन से 12 हजार रुपये की वृद्धि होगी। कर्मचारी नेताओं के अनुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में तीन से चार हजार, तृतीय श्रेणी को पांच से छह, द्वितीय श्रेणी को छह से नौ और प्रथम श्रेणी के अधिकारी को नौ से 12 हजार रुपये तक बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। महंगाई भत्ते का लाभ अप्रैल माह से मिलेगा, जो मई माह में देय वेतन में जुड़कर आएगा।