नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज (शुक्रवार) फिल्म द केरल स्टोरी पर पश्चिम बंगाल सरकार और तमिलनाडु में इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा कि द केरल स्टोरी देश के बाकी हिस्सों में दिखाई जा रही है। ऐसा लगता है कि इसके प्रदर्शन पर बैन लगाने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने तमिलनाडु सरकार से थिएटरों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा है।
फिल्म निर्माताओं की ओर से पेश अधिवक्ता हरीश साल्वे ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामन याचिका दाखिल की थी। साल्वे ने कहा, ‘हमें हर दिन नुकसान हो रहा है। अब दूसरे राज्यों ने भी कहा है कि हम ऐसा ही करने जा रहे हैं। यह एक जल्दबाजी का आदेश है।’
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म द केरल स्टोरी के निर्माताओं की याचिका पर बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में मूवी पर बैन लगाने के फैसले को चुनौती दी गई है।
बुधवार को फिल्म निर्माता की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बंगाल और तमिलनाडु सरकार ने मूवी पर रोक लगा दी है। अदालत जल्द मामले पर सुनवाई करें। हरीश साल्वे ने कहा, ”निर्माता को रोजाना नुकसान हो रहा है।” उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए पीठ ने याचिका को 12 मई को सुनवाई पर मंजूरी दी।
उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के बाद अब हरियाणा में द केरल स्टोरी को टैक्स फ्री कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसकी जानकारी है। कैबिनेट बैठक में इस फिल्म पर मंगलवार को चर्चा हुई थी। फिल्म को टैक्स फ्री करने के प्रस्ताव पर सीएम ने कहा था कि अभी कमेटी देख रही है। उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा। बुधवार रात उन्होंने द केरल स्टोरी टैक्स फ्री करने की घोषणा कर दी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को अपने परिवार और कैबिनेट टीम के साथ द केरल स्टोरी फिल्म देखी। इसको देखने के बाद उन्होंने कहा, ”मूवी को बैन करने की जरूरत नहीं है। इसकी स्टोरी किसी समुदाय का विरोध नहीं करती बल्कि ये आतंकवाद के खिलाफ है।” उन्होंने कहा कि लोग अपनी बेटियों के साथ इस फिल्म को देखें।