ग्वालियर। मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष और मुरैना के पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंसाना को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके द्वारा एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। मामले को हाई कोर्ट रेफर करने के आदेश दिए हैं।
दरअसल करीब 11 साल पुराने मामले में निगम अध्यक्ष रघुराज कंसाना और उनके भाइयों के खिलाफ कोतवाली मुरैना में हत्या की कोशिश और शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि धोखाधड़ी के एक प्रकरण में दिल्ली पुलिस 2012 में मुरैना आई थी और उसने कंसाना के बड़े भाई संजीव कंसाना को गिरफ्तार कर लिया था। जिसे उनके समर्थकों ने पुलिस अभिरक्षा से छुड़ा लिया था। दिल्ली पुलिस की फरियाद पर कोतवाली थाने में यह मामला दर्ज किया गया था। पहले कंसाना ने उनके खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने के लिए एमपी एमएलए की कोर्ट में आवेदन किया था। जिसे एमपी एमएलए कोर्ट ने पिछले महीने 25 अप्रैल को खारिज कर दिया था।
इस आदेश के खिलाफ रघुराज कंसाना, संजीव कंसाना एवं रामवीर की ओर से हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में क्रिमिनल रिवीजन दायर की गई थी। निगम अध्यक्ष कंसाना के अधिवक्ता एडवोकेट मनीष दत्त ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि अभियोजन द्वारा केस वापस लेने का जो आवेदन पेश किया गया था। उसे एमपी एमएलए कोर्ट को खारिज करने से पहले हाईकोर्ट को रेफर करना चाहिए था। इसलिए हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट से उचित आदेश मिलने के बाद ही एमपी एमएलए कोर्ट को कोई भी आदेश पारित करना था ।अब हाईकोर्ट ने एमपी एमएलए कोर्ट को यह मामला हाईकोर्ट में रेफर करने के लिए आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट से पूर्व विधायक रघुराज कंसाना और उनके भाइयों को बड़ी राहत मिली है।