भोपाल। झारखंड के पास हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात समाप्त हो गया है। मानसून द्रोणिका के भी अब ऊपर की तरफ खिसकने के संकेत मिले हैं। इस वजह से अब प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने के संकेत मिलने लगे हैं। इस वजह से धूप निकलने लगेगी।
हालांकि अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय अन्य मौसम प्रणालियों के प्रभाव से गरज-चमक के साथ छिटपुट बौछारें भी पड़ सकती हैं। रविवार-सोमवार को जबलपुर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं झमाझम वर्षा हो सकती है। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मंडला में 106.4, छिंदवाड़ा में 95.4, सिवनी में 88:4, सीधी में 43.8, मलाजखंड में 36.3, दमोह में 27, बैतूल में 25.4, नरसिंहपुर में 22, धार में 20.6, दतिया में 14.4,इंदौर में 13, उमरिया में 12.4, उज्जैन में 10, पचमढ़ी में 9.6, गुना में 7.2, खजुराहो में 5.6, नौगांव में 4.2, जबलपुर में चार, खंडवा में दो, रतलाम में दो, टीकमगढ़ में दो, सागर में 1.8,शिवपुरी में एक, ग्वालियर में 0.7, भोपाल (शहर) में 0.6, रायसेन में 0.6, सतना में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून द्रोणिका वर्तमान में जेसलमेर,कोटा, शिवपुरी, सतना, सीधी,बालसोर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। गुजरात और उससे लगे अरब सागर पर हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब और ऊर्जावान होकर दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर सक्रिय हो गया है। राजस्थान पर ही एक पश्चिमी विक्षोभ भी बना हुआ है। इसके अतिरिक्त गुजरात के तट से लेकर केरल के तट तक एक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास अभी कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। मानसून द्रोणिका के भी ऊपर की तरफ खिसकने के आसार हैं। इस वजह से प्रदेश में अब मानसून की गतिविधियों में कमी आने लगेगी। हालांकि राजस्थान पर बने चक्रवात के कारण जबलपुर, शहडोल, ग्वालियर, भोपाल, उज्जैन, सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं। शेष इलाकों में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है।