देश। इस वर्ष शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) 30 और 31 अक्टूबर दोनों दिन मनाई जा रही है। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के शुभ अवसर पर सुबह उठकर व्रत करके अपने इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। इंद्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए। ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के व्रत को मुख्य रूप से स्त्रियों द्वारा किया जाता है।
- इस दिन चंद्रमा उदय की दिशा में लकड़ी की चौकी पर (सातिया) स्वास्तिक बनाकर उस पर पानी का लोटा भरकर रखें।
- एक गिलास में गेहूं भरकर उसके ऊपर रुपया रखें और गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर कहानी सुनें।
- गिलास और रुपया कथा कहने वाली को पैर छूकर भेंट करें।
- आपके जीवन में बरसेगा इतना धन कि पीढिय़ों तक कोई कमी नहीं होगी।
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5 महत्वपूर्ण बाते –
- शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
- शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। अत: आप सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निर्वात्ता होकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें।
- सफल दाम्पत्य जीवन के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी दोनों को ही चन्द्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य ही देना चाहिए। इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
- किसी भी विष्णु लक्ष्मी मंदिर में जाकर इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पित करनी चाहिए और धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें।
- यदि कुंडली में चंद्र ग्रहण है, तो यह दिन उसे हटाने का सबसे अच्छा दिन है। इस दिन चन्द्रमा से संबंधित चीजें दान करना चाहिए या इस दिन खुलकर लोगों दूध बांटना चहिए। इसके अलावा 6 नारियल अपने ऊपर से वार कर किसी बहती नदी में प्रवाहित करना चाहिए।