नई दिल्ली। सरकार की आलोचना के लिए आम नागरिकों को परेशान नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की और कोलकाता पुलिस को फटकार लगाई। जिसमें दिल्ली की एक महिला को कोलकाता पुलिस ने आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के लिए समन भेजा था। दरअसल, महिला ने कोलकाता के एक भीड़भाड़ वाले राजा बाजार क्षेत्र के दृश्य को साझा किया था और इन तस्वीरों के जरिए कोरोना लॉकडाउन को लागू करने के लिए ममता बनर्जी सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाया था।
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एक खतरनाक ट्रेंड हो जायेगा –
कथित फेसबुक पोस्ट को एफआईआर के लिए अनुपयुक्त मानते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि अगर राज्यों की पुलिस इस तरह से आम लोगों को समन जारी करने लग जाएगी, तो यह एक खतरनाक ट्रेंड हो जाएगा और ऐसे में कोर्ट को आगे बढ़कर अभिव्यक्ति की आजादी के संवैधानिक अधिकार की रक्षा करनी होगी, जो कि संविधान के आर्टिकल 19(1) के तहत हर नागरिक को मिला हुआ है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सत टिप्पणी की और कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे आप उस महिला को सबक सिखाना चाहते हैं कि सरकार के खिलाफ लिखने की हिम्मत कैसे हुई।