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Tuesday, November 12, 2024

मुख्यमंत्री बनने लॉबिंग कर रहे डिप्टी CM शुक्ला, सीएम डॉ. मोहन यादव को हटाने की प्लानिंग!

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रीवा: रीवा जिले की सेमरिया सीट से विधायक अभय मिश्रा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक पत्र भेजकर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि शुक्ला ने सेमरिया विधानसभा में विकास कार्य रोक दिए हैं और अन्य विधानसभाओं में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं। अभय मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम शुक्ला अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और मुख्यमंत्री बनने का प्रयास कर रहे हैं

मुख्यमंत्री बनने का प्रयास: अभय मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम शुक्ला अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और मुख्यमंत्री बनने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुक्ला अधिकारियों पर दबाव डालते हैं, उन्हें निलंबित करवा देते हैं या स्थानांतरित करवा देते हैं। मिश्रा का कहना है कि शुक्ला श्रीनिवास तिवारी जैसा बनना चाहते हैं, जबकि श्रीनिवास तिवारी उप मुख्यमंत्री नहीं थे और उन्हें अपना हुनर भगवान से मिला था।

गौशाला में अनियमितताएँ: मिश्रा ने आरोप लगाया कि शुक्ला की गौशाला में करोड़ों रुपए का डोनेशन आता है, लेकिन वहां गायें मर रही हैं और फसल बर्बाद हो रही है। उन्होंने कहा कि शुक्ला और उनके परिवार के लोग गौशाला के ट्रस्ट में शामिल हैं और डोनेशन का पैसा निजी संपत्ति में बदल दिया गया है।

रिंग रोड के ठेकेदार के साथ विवाद: मिश्रा ने बताया कि शुक्ला ने रिंग रोड के एक ठेकेदार को परेशान किया, जिससे ठेकेदार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। ठेकेदार को काम करने से रोका गया और उसके बिल का भुगतान नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप ठेकेदार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उसके भांजे ने आत्महत्या कर ली।

देखें वीडियो

मुख्यमंत्री पद के लिए षडयंत्र: मिश्रा का कहना है कि शुक्ला, मुख्यमंत्री मोहन यादव को निपटाकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि शुक्ला ने भाजपा और अन्य दलों के विधायकों से लॉबिंग की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। मिश्रा ने यह भी सवाल उठाया कि प्रदेश में एक ही मुख्यमंत्री होना चाहिए या विभिन्न हिस्सों का बंटवारा है। इन आरोपों के साथ, अभय मिश्रा ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि प्रदेश में एक ही मुखिया होना चाहिए ।

अभय मिश्रा ने अपने पत्र में लिखा 

”मुख्यमंत्री जी आप पूरे प्रदेश की जनता के पालक हैं भले ही किसी ने आपको वोट किया है या नहीं। किसी विधानसभा क्षेत्र में यदि 630 वोट से बीजेपी हार गई है तो भी आप समस्त जनता के निर्वाचित मुख्यमंत्री है एवं क्षेत्र का विकास रोक कर पूरी जनता से बदला लेना आपकी गरिमा के अनुरूप उचित नही है। फिर वे लोग जिनने बीजेपी को वोट किया है उनका भी विकास अवरूद्ध किया जा रहा है।
मेरी जानकारी अनुरूप प्रदेश सरकार के रूल्स आफ बिजनेस मे कैबिनेट के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री को विभिन्न तरह की शक्तियों प्राप्त है एवं कैबिनेट से अनुमोदन की प्रत्याशा में आपकी प्रत्येक घोषणा अपने आप मे रामवाक्य है? एवं डीसीएम(डिप्टी सीएम) का पद मूल रूप से कैबिनेट मंत्री का पद है एवं कैबिनेट के माध्यम से ही उप मुख्यमंत्री का दर्जा प्रदत्त किया गया है। जैसे कि मण्डल एवं बोर्ड के अध्यक्षों को राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट अथवा राज्य मंत्री का दर्जा प्रदत्त कर दिया जाता है।
डीसीएम (डिप्टी सीएम) जिस विभाग के मंत्री है अथवा किसी जिले के प्रभारी मंत्री है वैधानिक रूप से अपने विभाग एवं प्रभार के जिले में अधिकारियों की बैठक ले सकते है एवं निर्देश दे सकते है जिसका कार्यवाही विवरण एवं पालन प्रतिवेदन जारी होगा इसके अतिरिक्त अन्य शक्तियां प्राप्त नहीं है।
मैं जानना चाहता हूँ कि क्या मुख्यमंत्री को प्राप्त शक्तियां एवं अधिकार क्षेत्र डीसीएम (डिप्टी सीएम) को किसी जिले / विधानसभा क्षेत्र जैसे सेमरिया-69 हेतु प्रदत्त हैं? यदि हां तो पत्र के माध्यम से मुझे सूचित किया जाए ताकि मैं भी डीसीएम (डिप्टी सीएम) को बतौर मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार कर तद्नुरूप परिपालन कर सकूं। तब उनकी बैठकों में दिये गये निर्णयों का मिनट बुक जारी होना चाहिये, यदि ऐसा है तो मप्र के जिला रीवा में 20 वर्ष पूर्व की स्थिति अनुरूप अघोषित रूप से बतौर मुख्यमंत्री कार्य कर चुके पं. श्री निवास तिवारी जी बनने का प्रयास माननीय डीसीएम द्वारा क्यों किया जा रहा है ? क्षेत्र में क्यों दखल दिया जा रहा है।
मुख्य रूप से विधानसभा क्षेत्र सेमरिया-69 में यहां पूर्व से जिला पंचायत के माध्यम से बसामन मामा एनीकट कार्य हेतु लगभग 04 करोड़ का एवं मार्ग निर्माण हेतु 1.5 करोड़ स्वीकृत होने के बावजूद कार्य रोक रखा गया है। हैण्डपंप तक नहीं होने दिये जा रहे है सभी तरह के विकास कार्यों को रोका जा रहा है। पूरे जिले में चल रहे सभी निर्माण कार्य ठेकेदारों की रिंग बनाकर निर्माण ठेकों को उच्चतम दर में लेकर एवं ओवर ब्रिज/पुलों के कार्य में फर्जी प्राक्कलन के द्वारा दुगनी लागत से कार्यों को कराया जा रहा है जिसमें डीसीएम अप्रत्यक्ष रूप से भागीदार हैं। इनकी आत्मा विधानसभा क्षेत्र सेमरिया-69 एवं रीवा में रिंग रोड निर्माण के इर्द-गिर्द भटक रही है। इन्हें रीवा में नींद नहीं आती है। कई-कई रात्रि चैन की नींद की तलाश में विश्राम हेतु सेमरिया में शरण लेनी पड़ती है सेमरिया में इनके द्वारा पूर्व से ही गौशाला के नाम पर करोड़ो की जमीन का खेल किया जा चुका है।”

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