उपचुनाव के लिये कांग्रेस और भाजपा में शुरू हुई जुबानी जंग अब तेजी से व्यक्तिगत हमलों और छवियों पर केंद्रित होती जा रही है।पाला बदलकर भाजपा में गये ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) लगातार कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को निशाने पर ले रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी खुलकर सिंधिया (Scindia) पर हमले शुरू करने शुरू कर दिये हैं।
दरअसल कल सिंधिया (Scindia) ने कहा है कि वे औद्योगिकीकरण करना चाहते थे लेकिन कमलनाथ (kamalnath) ने तबादला उद्योग शुरू कर दिया। सिंधिया ने कहा है कि दो वर्ष पहले मेरी सोच थी कि 15 साल में शिवराज सिंह चौहान ने जो विकास की लंबी लकीर खींची है, उसे कमलनाथ आगे बढ़ाएंगे । लेकिन नाथ ने वल्लभ भवन को भ्रष्ठाचार का केंद्र बना दिया। मैं चाहता था कि मप्र और चंबल में औद्योगीकरण हो, लेकिन कमलनाथ ने तबादला उद्योग खोल दिया।
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस भूल गई कि 1967 में राजमाता सिंधिया ने डीपी मिश्रा की सरकार गिराई थी, उन्हीं के पोते ने 54 साल वादाखिलाफी के चलते कांग्रेस की सरकार गिरा दी। सिंधिया ने कहा कि मैंने कांग्रेस में रहते हुए भी गलत को गलत कहा।
जानकार सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस खेमे में सिंधिया के चुनाव प्रचार का जवाब देने के तरीके ढूंढे जा रहे हैं।हालांकि ग्वालियर में कैंप कर रहे वरिष्ठ नेता केके मिश्रा वहां काफी समय पहले से उन पर हमले करते रहे हैं,इसमें जमीनों के मामलों से लेकर अन्य मसले शामिल हैं।
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पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी लगातार सिंधिया को निशाने पर ले रहे हैं। माना जाता है कि अब कमलनाथ समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी सिंधिया पर आक्रामक होने वाले हैं। इसी तारतय में उन्होंने कल अशोकनगर में सिंधिया की चुनावी हार पर तंज करते हुए कहा- अशोकनगर की जनता ने बीते लोकसभा चुनाव में ही सही पहचान कर ली थी और पूरे मध्यप्रदेश को संदेश दे दिया था कि अब हम आजाद हो गए हैं।
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आपने यह संदेश भी दे दिया था कि कांग्रेस महल में नहीं जाती है, महल कांग्रेस में आते हैं। नाथ ने यह भी कहा कि मैं कोई महाराजा नहीं ,मेरा कोई गुलाम नहीं ,मैं मामा भी नहीं ,मैं अपनी जेब में नारियल लेकर भी नहीं चलता ,मैं घोषणा भी नहीं करता ,मैं झूठ भी नहीं बोलता ,मैंने कभी चाय भी नहीं बेची ,मैं तो सिर्फ कमलनाथ हूं। मैंने कुत्ते की समाधि भी नहीं बनाई , मैंने तो मध्यप्रदेश की धर्म प्रेमी जनता के लिए छिंदवाड़ा में विशाल हनुमान मंदिर बनवाया है“