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रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के चलते चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग थाना क्षेत्र से एक बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें पुलिस विभाग की लापरवाही उजागर हुई है। यहां थाना प्रभारी और चार पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। यह घटना सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि, पुलिस पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन यह मामला थाने के भीतर का है, जिससे यह और भी चौंकाने वाला बन गया है।

रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार जैसे आरोप खाकी वर्दी पर से लोगों का विश्वास कम करते हैं, और अब भोपाल पुलिस कमिश्नर भी इस मामले को लेकर शर्मिंदा नजर आ रहे हैं। राजधानी भोपाल में घटित यह घटना अब शहर में चर्चा का विषय बन चुकी है।

चार पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप

जानकारी के अनुसार, थाना प्रभारी जितेन गाडरवारा, पवन रघुवंशी सहित चार पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन्होंने कुछ आरोपियों को बचाने के लिए रिश्वत ली और कानून का उल्लंघन किया। पवन रघुवंशी के घर से जांच के दौरान लाखों रुपये और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है। इसके अलावा, अन्य थानों में भी इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं, जिससे पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका

पुलिस मुख्यालय की उपयुक्त अधिकारी श्रद्धा तिवारी ने जानकारी दी कि 28 तारीख को एक अपराध को लेकर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आई। जब इस मामले की जांच की गई, तो कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ, जिसके आधार पर जहांगीराबाद एसपी ने कार्रवाई की और पुलिसकर्मियों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया।

मौके से 4,94,000 रुपये की नकदी जब्त

श्रद्धा तिवारी के मुताबिक, इस मामले में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ठोस सबूत मिले, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। प्रमुख आरोपी अंशुल जैन था, जो पूरी डील को करवा रहा था। मौके से 4,94,000 रुपये की नकदी जब्त की गई। इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।

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