देश। राजस्व संग्रह की चुनौती से जूझ रही केंद्र सरकार ने पैसा जुटाने के लिए अब एक और रास्ता निकाला है। जानकारी के मुताबिक सरकार रेलवे (Railway) , रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) और बीएसएनएल की खाली पड़ी जमीनों पर कमर्शियल डेवलपमेंट करके इनसे पैसा कमाएगी। इसके लिए रक्षा और रेल मंत्रालय अपनी संपत्ति के मुद्रीकरण की समीक्षा कर रहे हैं।
केंद्र सरकार अब जल्द ही कई बड़े मंत्रालयों और विभागों की खाली पड़ी अतिरिक्त जमीन से पैसे जुटाने की तैयारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक, जिन मंत्रालयों और विभागों की जमीन का मुद्रीकरण में इस्तेमाल किया जाना है, उनमें रेलवे (Railway), टेली कम्युनिकेशन (tele communication) और रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) शामिल हैं। इन जमीनों पर संसाधनों के जरिए सरकार देशभर में नई इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़े करने की योजना बना रही है। सूत्रों का कहना है कि कई मंत्रालयों ने अतिरिक्त जमीन की जानकारी इकट्ठा करने के बाद इन पर कमर्शियल डेवलपमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की योजना को मंजूरी भी दे दी है, ताकि इनसे सरकार की कमाई हो सके।
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इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मिलेगी मदद
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, केंद्रीय बजट में सरकारी संपत्तियों के मुद्रीकरण पर जोर दिया गया था, ताकि मौजूदा संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके। अफसर ने बताया कि रेलवे (Railway) और रक्षा मंत्रालय अपनी अतिरिक्त भू-संपत्ति के मुद्रीकरण की योजना तैयार करने वाले हैं। इन मंत्रालयों ने समीक्षा की है और इस बारे में विस्तृत चर्चा भी हुई है। सरकारी कंपनियों में बीएसएनएल मुद्रीकरण की योजना के साथ आगे बढ़ रही है, जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद मिलेगी।
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रेलवे और रक्षा मंत्रालय सबसे बड़ी सरकारी जमीनों के मालिक
रेलवे (Railway) और रक्षा मंत्रालय देश में सबसे बड़े सरकारी जमीन के मालिक हैं। हालिया सरकारी डेटा के मुताबिक, रेलवे (Railway) के पास अभी 4.78 लाख हेक्टेयर (11.80 लाख एकड़) जमीन है। इनमें 4.27 लाख हेक्टेयर जमीन पर रेलवे और साथी संस्थाओं के ही कामों में आ रही है, जबकि 0.51 लाख हेक्टेयर (1.25 लाख एकड़) जमीन खाली पड़ी है। दूसरी तरफ रक्षा मंत्रालय के पास सबसे ज्यादा 17.95 लाख एकड़ जमीन पड़ी है। इनमें 1.6 लाख एकड़ का इलाका 62 कैंटोनमेंट जोन में है, जबकि 16.35 लाख एकड़ इनकी सीमाओं के बाहर हैं।
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खली पड़ी जमीनों के मुद्रीकरण में जुटा रेलवे
रक्षा मंत्रालय ने भी खाली पड़ी जमीन के मुद्रीकरण के लिए समीक्षा शुरू कर दी है। इसे सरकारी कंपनियों के साथ साझेदारी में पूरा किया जा सकता है। रेलवे (Railway) के जमीन विकास प्राधिकरण ने अपनी भू-संपत्तियों के वाणिज्यिक विकास और मुद्रीकरण के पहले ही कई मॉडल्स लागू किए हैं। इनमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप और राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ विकास कार्य कराना भी शामिल है।
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डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने जारी किया 15 करोड़ का टेंडर
बताया गया है कि रेलवे (Railway) मौजूदा साल में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए 15 हजार करोड़ रुपए के टेंडर जारी करने की योजना पर काम कर रहा है। कार्य योजना को अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, बीएसएनएल ने ऐसी करीब एक दर्जन संपत्तियों की पहचान कर ली है, जिनसे पैसे जुटाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे। यह प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है और इसे पूरा होने में छह महीने का समय लगेगा। बताया गया है कि बीएसएनएल के पास 24,980 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है, जिसकी मुद्रीकरण के लिए पहचान की गई है।
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